The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
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स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
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पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर Shiv chaisa भये विहाला॥
संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई ।
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे Shiv chaisa कलेशा॥
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।